यद्यपि, भारत के पश्चिम तट पर स्थित मुंबई बंदरगाह तुलनात्मक दृष्टि से हमारे पास आधुनिक संरचना है, जिसका विशाल बंदरगाह इसके समृद्धि का मुख्य आधार है तथा शताब्दियों से सर्वोच्च स्थान बरकरार रखा है. सत्रहवीं शताब्दी के आरंभिक दौर में हालांकि, मुंबई द्वीप का व्यापार नगण्य था. समुद्री आधार के रूप में, बंदरगाह की नैसर्गिक लाभकारी परिस्थितियों और भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर नौवहन के लिए आश्रय स्थान महसूस किया गया और उसे अपने अधिकार में लेने के लिए काफी तिकडमबाजी हुई. वर्ष 1652 में ईस्ट इंडिया कंपनी की सूरत परिषद ने पोर्ट के भौगोलिक लाभों को समझते हुए इसे पुर्तगालियों से खरीदने का आग्रह किया. उनकी इच्छा नौ वर्ष के बाद पूरी हुई जब ग्रेट ब्रिटन के चार्ल्स-II और पुर्तगाल की इन्फॅन्ट कॅथेरिन के बीच विवाह संधी के तहत पोर्ट और मुंबई द्वीप को ग्रेट ब्रिटन के राजा को हस्तांतरित किया गया.
S. No. | Title | Link Type | File Size | Last Updated |
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1 | बम्बई का बंदरगाह | File Link | (15.39 MB) | 19 October 2023 |
2 | टाईडस् ऑफ टाइम [मुंबई पोर्ट का इतिहास] एम.वी् कामत द्वारा लिखित | Content | 19 October 2023 |