पोर्ट ऑफ एन्टवर्प तथा रॉयल म्युजियम ऑफ फाइन आर्टस् , एन्टवर्प : से 10 लाख के सहयोग से दिनांक 28.11.2013 से 9.2.2014 तक छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय में आयोजित हो रही फ्लेमिश मास्टरपिसेस फ्रॉम एन्टवर्प: "एक्सक्लुसिव पेन्टिग्ज फ्रॉम दी 17th सेंचुरी" शीर्षक के प्रदर्शनी से जुडे शिक्षा कार्यक्रम समर्थन है
छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (सीएसएमव्हीएस) जो पहले प्रिन्स ऑफ वेल्स म्युजियम के नाम से जाना जाता था, 1912 में संस्थापित भारत की प्रधान कला और इतिहास संग्रहालय में से एक है, शिक्षा अध्ययन और जन आनंद के प्रयोजन हेतु विरासत के प्रति जागरुकता और संवेदनशीलता निर्माण कर रहा है.
फ्लेमिश मास्टरपिसेस फ्रॉम एन्टवर्प: "एक्सक्लुसिव पेन्टिग्ज फ्रॉम दी 17th सेंचुरी" शीर्षक के नाम से सीएसएमव्हीएस एक प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है. पोर्ट ऑफ एन्टवर्प तथा रॉयल म्युजियम ऑफ फाईन आर्टस् एन्टवर्प के सहयोग से प्रदर्शनी दिनांक 28.11.2013 से 7.2.2014 तक सीएसएमव्हीएस स्थित आयोजित की जाएगी. विख्यात डच कलाकार जैसे रुबेन्स तथा वॅन डिक की कुछ पेन्टिग्ज सहित एन्टवर्प के दो संग्रहलयें से 28 पेन्टिंग्ज भारत में पहली बार प्रदर्शनी में प्रदर्शित की जायेगी.
फ्लेमिश मास्टर पिसेस की प्रदर्शनी का शुभारंभ